गुरुवार, 16 जून 2011

एक सन्देश बाबा रामदेव के नाम

परम पुज्न्नीय आदरणीय बाबा जी, 

आप एक महान योग गुरु हैं | पर एक अच्छे संत नहीं हैं | आप एक महान बिज्नेश्मन तो हैं | पर एक त्यागी पुरुष नहीं | आपका उद्देश्य (जिसे आप खुद अपने मुहं से बखान करते हैं ) महान तो हैं पर आप उसे पूरा नहीं कर सकते हैं | क्योंकी इस उद्देश्य को वो पूरा कर सकता हैं जिसे हैलीकॉप्टर की जरुरत नहीं जिसे जेड + सुरक्षा की भी जरुरत नहीं | जो समाज को साथ ले कर चल सके जिसका बोलने और करने का कार्य एक हो | जिसे अपने लिए बेशुमार दौलत की जरुरत नहीं हो |

जिसे जमीन खरीदने की जरुरत ना हों | जो सोचता हो तो सिर्फ आम आदमी के लिए कुछ करता हो तो जनहित में | जिसे राजनीती से कुछ लेना देना ना हों | जिसका परधानमंत्री के पद में कोई रुचि ना हों | जिसके लिए निष्काम करम ही धरम हों | क्योंकी यह एक महान यज्ञ हैं जो आहुति मांगता हैं त्याग की | खून की | जनाब सिर्फ केसरिया धारण करने से जान का मोह नहीं छूट जाता | मैं भी पागल हूँ यह बात आप मुझसे बेहतर जानते हो |

पर अब हम भी ये जान गए हैं की तुम भी उसी थाली के बैंगन हो जिसकी सरकार हैं | और अब आप की राजनीती की दूकान ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी | क्योंकी
इस देश के आम आदमी को साथ ले कर चलना आप के बस की बात नहीं | इसलिए मैं आपसे निवेदन करूँगा की आप  सिर्फ योग सिखाए | दुबारा कोई बखेड़ा ना खड़ा करे आम आदमी को कोई सपना ना दिखाए | आपकी अति कृपया होगी |

सदैव आपके और आप जैसो के द्वारा बेवकूफ बनाया हुआ
हरेक  आम भारतीय नागरिक

आशा करूँगा की आप मेरी बात पर ध्यान देंगे
धन्यवाद




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